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क्या है q-कार्बन जो हीरे से भी ज्यादा मजबूत है।

आप सब तो कार्बन से भलीभांति परिचित ही होंगे। कार्बन हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। आमतौर पर लोगों को कार्बन के केवल दो या चार अपरूप के बारे में ही पता होता है जो हैं हीरा, ग्रेफाइट, फुलेरीन तथा ग्राफीन। लेकिन रुकिए कार्बन के अन्य कई अपररूप भी पाए जाते हैं, जिनमें से एक है नवनिर्मित Q-कार्बन यह भी एक कार्बन का अपरूप है। जो हाल ही में खोजा गया है।
क्या ही q-कार्बन जो हीरे से भी ज्यादा मजबूत है।
q-carbon
नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के साथी वैज्ञानिक सीफैन डिस्टिंगुइथ्स, प्रोफेसर जगदीश नारायण तथा अन्य सहकर्मियों द्वारा इसकी खोज की गई, जिसको उन्होंने Q-कार्बन नाम दिया। इसके निर्माण के लिए वैज्ञानिकों ने विशिष्ट बहुलक उच्च घनत्व पाली इथाईलीन पर  अक्रिस्टलीय कार्बन की 50 से 500 नैनोमीटर की मोटाई की एक परत चढ़ाई। तत्पश्चात इसमें एक्साईमर लेजर स्पंदो की बौछार की गई जिससे यह गर्म होकर पिघलने लगी। पिघलते ही इसे क्लेचिंग नामक तकनीकी से शीघ्र ही ठंडा कर लिया गया। जिससे कार्बन कि एक नवीन अति सघन अवस्था का निर्माण हुआ, जिसे इन्होंने क्लेचिंग  नामक तकनीक के आधार पर Q-कार्बन नाम दिया।

क्यों महत्वपूर्ण है यह हमारे लिए

Q-कार्बन नामक यह पदार्थ हीरे से भी लगभग 60 से 70% अधिक कठोर है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह विद्युत का चालक होता है। इसमें चुंबकीय गुण भी विद्यमान होते हैं अतः यह हमारे लिए अत्यंत उपयोगी है। इसकी संरचना 80% हीरे से तथा 20% ग्रेफाइट से मिलती है। किंतु इसके गुण हीरे तथा ग्रेफाइट से बिल्कुल भिन्न है वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पदार्थ हमारे लिए भविष्य में बहुत मददगार साबित होगा।
क्या ही q-कार्बन जो हीरे से भी ज्यादा मजबूत है।
Q-carbon
इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि, इसे कमरे के ताप और दाब में हीरे की तरह  सूक्ष्म कणों में बदला जा सकता है, जो ज्यादा चमकदार भी होगा। इसका उपयोग भविष्य में नैनोटेक्नोलॉजी आधारित नैनो सुइयों, माइक्रो सुइयों, औधोगिक प्रक्रमों आदि क्षेत्रों में व्यापक रुप से किया जाएगा।

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