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Showing posts from February, 2019

हीरे से भी ज्यादा कठोर है यह ग्राफीन नाम का पदार्थ।

हीरे से भी ज्यादा कठोर है यह ग्राफीन नाम का पदार्थ। क्या आप भी सोचते हैं कि हीरा इस दुनिया का सबसे कठोरतम पदार्थ है। लेकिन रुकिए, हीरा नहीं बल्कि ग्राफीन इस दुनिया का सबसे कठोरतम पदार्थ है। graphene क्या है ग्राफीन ग्राफीन इस दुनिया का सबसे  कठोरतम पदार्थ  है इसकी खोज 2010 में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के 2 वैज्ञानिक (जो कि आपस में गुरु शिष्य थे) आंद्रे जिन तथा कांस्टेटिन   ने किया था जिसके लिए उन्हें भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। जैसा कि हम सब जानते हैं कि कार्बन इस दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है जो हमारे जीवन को भी चलाए हुए है। कार्बन के 3 अपररूप पाए जाते हैं, जो हैं हीरा, ग्रेफाइट तथा फुलेरीन । एक बार दोनों वैज्ञानिक ग्रेफाइट के ब्लॉक पर टेप चिपकाकर बार बार परतें उकेर रहे थे। इसी दौरान उन्हें कुछ ऐसी परतें मिली जो मोटाई में महज एक परमाणु के बराबर थी अध्ययन के बाद यह पाया गया कि इन पतली परतों में ऐसे गुण हैं जो कि काफी असामान्य है। यह परतें काफी ज्यादा मजबूत थी। यह पारदर्शी तथा प्रत्यास्थ भी थी। अतः ग्राफीन कार्बन परमाणु में से बनी एक अत्यंत

क्या आप भी जानते हैं कम्पनी के बारे में ये बातें।

क्या आप भी जानते हैं कम्पनी के बारे में ये बातें  आज के इस युग में हम आए दिन किसी न किसी कम्पनी का नाम सुनते रहते हैं जैसे:- apple,samsung,hp,lenevo,tata  आदि । दोस्तो आज के अपने इस आर्टिकल मैं आपको कम्पनी के बारे में कुछ ऐसी बाते बताऊंगा जो शायद ही आपने पहले सुनी या पढ़ी हो। चलिए दोस्तों पहले जान लेते हैं कि कम्पनी क्या है। चलिए कम्पनी को परिभाषित करते हैं " किसी सामान्य उद्देश्य कि प्राप्ति के लिए संगठित हुए व्यक्तियों का समूह ही कम्पनी कहलाती है "। वैसे तो कई विद्वानों ने कम्पनी कि परिभाषाएं दी हैं जैसे, विलियम और स्प्रीगल के अनुसार" निगम राज्य की एक रचना है जिसका अस्तित्व  उन  निगम राज्य की एक रचना है जिसका अस्तित्व  उन व्यक्तयों से पृथक एवं भिन्न होता है जो उसके स्कंध अथवा अन्य प्रतिभूतियों के स्वामी होते हैं " । चलिए अब देखते हैं जेम्स के अनुसार कम्पनी कि परिभाषा," कंपनी एक सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए संगठित व्यक्तियों का एक संघ है " company चलिए अब जानते हैं company के बारे में कुछ गजब की बातें  1: दोस्तों कम्पनी के ब

यह कहानी आपको सफल होने के लिए मजबूर कर देगी।

यह कहानी आपको सफल होने के लिए मजबूत कर देगी। Hello दोस्तों, आज मै आपको बताऊंगा एक ऐसी कहानी जिसे सुनने के बाद आप अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटकेंगे। कहानी कुछ यूं है कि, एक बार एक शिष्य ने अपने गुरु जी से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है। तब गुरुजी ने कहा कि यदि तुम सफलता का रहस्य जानना चाहते हो तो कल सुबह तुम मुझे पास के तालाब के पास मिलना वहीं मै तुम्हे सफलता का रहस्य बताऊंगा और दोनों अपने - अपने घर चले गए। Neturalgyan.com  अगली सुबह शिष्य तालाब के किनारे पहोच गया गुरुजी भी वहां पहले से ही उपस्थित थे। गुरुजी ने शिष्य को अपने साथ तालाब के अंदर चलने को कहा, तभी शिष्य ने कहा कि आपने तो मुझे सफलता का रहस्य बताने के लिए बुलाया है और आप मुझे तालाब के अंदर जाने के लिए क्यों कह रहे हैं। गुरुजी ने कहा धैर्य रखो तुम्हे आज सफलता का रहस्य जरूर पता चलेगा। इतना कहने के बाद दोनों तालाब के अंदर चले गए, गुरुजी ने शिष्य का हाथ पकड़ रखा था, पानी और गहरा होता जा रहा था। शिष्या बहोत भयभीत था। तालाब के बीच पहुंचते ही गुरुजी ने शिष्य का गला पकड़कर तालाब के अंदर डुबो दिया। गुरुजी का शरीर बाहोत

आकाश नीला क्यों दिखाई देता है। Aakash nila kyon dikhai deta hi.

हमे आकाश नीला क्यों दिखता है? क्या आपने भी कभी सोचा है कि आखिर ये आकाश हमें  नीला(blue) क्यों दिखता है। यदि हां तो मैं आपको बताऊंगा की आखिर ऐसा क्यों होता है। Sky blue आकाश नीला दिखने का कारण- दोस्तों जैसा की आपको पता ही होगा कि प्रकाश 7 (seven) रंगों से मिलकर बना होता है जो हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। उसी प्रकार सूर्य से निकलने वाला प्रकाश भी 7 रंगों से मिलकर बना होता है। Sky blue अब बात आती है प्रकाश के व्यवहार की तो प्रकाश कई तरह के व्यवहार प्रदर्शित करता है जैसे- परावर्तन(reflection), अपवर्तन(refraction), विवर्तन (diffraction) तथा प्रकीर्णन( dispertion) आदि। चलिए अब जानते हैं कि आखिर प्रकीर्णन है क्या? दोस्तो प्रकीर्णन प्रकाश का एक महत्वूर्ण गुण है, आइए प्रकीर्णन को परिभाषित करते हैं। "प्रकाश का अत्यंत सूक्ष्म कणों से टकराकर बिखर जाना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है"। दोस्तों अब हमने प्रकाश के प्रकीर्णन को समझ ही लिया है तो अब हम बात कर लेते हैं, सूर्य प्रकाश में प्रकीर्णन की। सूर्य के प्रकाश के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है।