जानिए क्या है स्टेम सेल थेरेपी।
आपने अपने आस पास ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा जिन्होंने अपने शरीर के कुछ अंग जैसे हाथ या पैर जन्म से ही या किसी दुर्घटना से खो दिए हैं। आपके मन में भी इन्हें देख कर शायद यही ख्याल आया होगा कि काश भगवान इन्हें वापस वही अंग दे सकें।![]() |
stem cell therapy |
लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने यह संभव कर दिया है। जिससे शरीर के किसी भी अंग को दोबारा लाया जा सकता है। यह सब संभव हो पाया है "स्टेम सेल थेरेपी" के बदौलत।
क्या है "स्टेम सेल थेरेपी"
जैसा कि आपको पता ही है कि हमारा शरीर कोशिकाओं (cells)से मिलकर बना रहता है। कोशिकाएं आपस में मिलकर ऊतकों का निर्माण करती हैं तथा ऊतक परस्पर मिलकर अंगों का निर्माण करते हैं। हमारा शरीर इन्हीं अंगो से मिलकर बना होता है। जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं का कई प्रकार की जैविक अभिक्रियाओं के कारण क्षरण होता रहता है, और नई कोशिकाएं बनती रहती हैं। यह प्रक्रिया शरीर में निरंतर चलती रहती है। लेकिन जब किसी कारणवश हमारी शरीर में किसी स्थान पर नई कोशिकाओं का निर्माण बंद हो जाता है तो हमारे शरीर का वह भाग रोग-ग्रस्त हो जाता है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इन नई कोशिकाओं के निर्माण न होने का हल ढूंढ लिया है। अब वैज्ञानिकों ने ऐसी विधि ढूंढ ली है जिससे कुछ विशेष प्रकार की कोशिकाओं को शरीर के उस हिस्से में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है जहां नई कोशिकाओं का निर्माण बंद हो चुका था। इन विशेष प्रकार की कोशिकाओं को ही "स्टेम सेल" कहा जाता है। तथा इस प्रक्रिया को ही "स्टेम सेल थेरेपी" के नाम से जाना जाता है। यही "स्टेम-शेल" अन्य कोशिकाओं की पूर्ति के लिए आवश्यक मात्रा में बढ़ कर अंगों का निर्माण भी कर सकती है। जिससे मनुष्य द्वारा खो दिए गए अंग वापस अपनी पुनः अवस्था में आ सकते हैं।"स्टेम सेल थेरेपी" का इतिहास
स्टेम सेल का इतिहास शुरू होता है 1962 से जब कैंब्रिज विश्वविद्यालय के गर्डन ने अपनेंं प्रयोग के आधार पर यह सिद्ध कर दिया कि शरीर के सभी अंगो की कोशिकाओं में अलग-अलग कोड समावेशित रहते हैं। उनके उसी प्रयोग पर मुहर लगाई एक प्रसिद्ध जीव विज्ञानी इयान विल्मुट ने। उन्होंने 1971 में स्टेम सेलों से भेड़ का क्लोन तैयार कर तमाम दुनिया को हैरान कर दिया।"स्टेम सेल थेरेपी" के चमत्कार
- स्टीम सेल थेरेपी द्वारा वैज्ञानिकों ने कृत्रिम रूप से नाक व कान बनाने में सफलता प्राप्त की है। जिससे जन्म से ही या किसी हादसे में शिकार व्यक्ति जिसने अपने शरीर के नाक या कान को खो दिया है के शरीर में वापस इन अंगों को प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
- इसके द्वारा गंजेपन की समस्या को भी खत्म किया जा सकता है अभी तक वैज्ञानिक शरीर के विभिन्न हिस्सों के बाल की कोशिकाओं को सिर पर प्रत्यारोपित कर गंजेपन की समस्या का इलाज करते थे। लेकिन अब प्रयोगशाला में बाल उगाने वाली "स्टेम सेलों" का निर्माण कर लिया गया है। जिसे रोगी के शरीर में प्रत्यारोपित कर गंजेपन की समस्या का निवारण किया जाता है।
- वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में "स्टेम सेल थेरेपी" की मदद से कृत्रिम हड्डी बनाने में सफलता प्राप्त की है जिससे ल्यूकेमिया का उपचार संभव हो सका है।
- वैज्ञानिकों ने "स्टेम सेल" से कॉर्निया को भी तैयार कर लिया है जिससे किसी दुर्घटना बस आंख की रोशनी चले जाने पर भी उसे वापस लाया जा सकता है
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- स्टेम सेल थेरेपी की मदद से ऐसी वैक्सीनों का निर्माण कर लिया गया है। जिससे काफी हद तक कैंसर को दोबारा पनपने से रोका जा सकता है। वैसे तो ज्यादातर मामलों में मुंह के कैंसर के दोबारा होने की आशंका 60-70% तक होती है लेकिन इन वैक्सीनों ने इस खतरे को कम कर लगभग 30 से 35% तक कर दिया है।
- इससे मस्तिष्क की बीमारी "सेरीब्रल इटेक्सिया "का भी इलाज किया जा सकता है।
- "स्टेम सेल थेरेपी" से वैज्ञानिकों ने लाल रक्त कणिकाओं का अत्यंत कम मात्रा में उत्पादन भी कर लिया है। जिससे भविष्य में इसका अत्यधिक मात्रा निर्माण कर लोगों की जान बचाई जा सकती है।
- इससे अल्जाइमर,पार्किंसन आदि घातक बीमारियों का इलाज भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
"स्टेम सेल थेरेपी" मानव के लिए चमत्कार से कम नहीं है। स्टेम सेल थेरेपी पर वर्तमान में कई शोध चल रही हैं। तथा वैज्ञानिकों द्वारा कई प्रकार के अंग भी कृत्रिम रूप से विकसित कर लिए गए हैं। अतः भविष्य में स्टेम सेल थेरेपी हमारे लिए वरदान साबित होगी।आपको यह जानकर हैरानी होगी की स्टेम-शेल थेरेपी द्वारा मनुष्य की उम्र को भी बढ़ाया जा सकता है।
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