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Showing posts with the label rochak gyan

बंदरों की तरह दिखता ड्रेकुला आर्किड नाम का यह फूल ।

आपने कई अजीब तरह के फूलों के बारे में देखा और पढ़ा होगा। लेकिन आज हम एक ऐसे फूल के बारे में बताएंगे जिसे देखने के बाद आप विष्मय से भर जायेंगे। इस फूल का नाम  "ड्रेकुला आर्किड" । यह इतना रोचक इसलिए है क्योंकि यह बंदरों जैसा दिखता है, इन फूलों की इन्हीं खूबियों के चलते इन्हें " मंकी फ्लावर " भी कहा जाता है। आप इन फूलों को देखने के बाद अंदाजा ही नहीं लगा सकते हैं कि आखिर यह फूल है या बंदर। यह बंदर की तरह दिखने वाले अजीब तरह के फूल काफी खूबसूरत तथा मनमोहक होते हैं। बंदरों की तरह दिखने वाले यह फूल आर्किड प्रजाति के होते हैं। इन्हें ड्रैकुला आर्किड भी कहा जाता है। कहां पाए जाते हैं यह " मंकी फ्लावर "। यह इक्वाडोर, कोलंबिया जैसे देशों में पाए जाते हैं। यह उन्हीं स्थानों में पाए जाते हैं जहां आद्रता काफी ज्यादा होती है। यह पानी के अभाव में जल्दी सूखने भी लगते हैं। ये ज्यादातर ऊंचाई पर पाए जाते हैं। " मंकी फ्लावर " के बारे में खास बातें। इनकी महक पके हुए संतरों की तरह होती है। ड्रैकुला का अर्थ होता है ड्रैगन। इन्हे

आंखों से हम कैसे देख पाते हैं।

 आंख से हम कैसे देख पाते  हैं।  कभी न कभी प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर हमारी आंखें कैसे हमे ये दुनिया दिखाती हैं।  हमारी आंखों को देखने में लिए किन-किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है।  हम जाने की हमारी आंखें कैसे काम करती हैं, इससे पहले हमे जानना होगा हमारी आखों की आंतरिक संरचना में बारे में। आखों की संरचना  जैसा की हम सब जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य में दो ही आंखें होती हैं। हमरे आखों की संरचना एक गोले के समान होती है, जिसे नेत्रगोलक कहा जाता है। नेत्रागोलक का व्यास 25 मिलीमीटर जितना होता है। नेत्रगोलक का बाहरी हिस्सा एक पतली पारभाषी परत से मिलकर बना होता है, जो " कंजक्टाइवा" के नाम से जाना जाता है। कंजक्टाइवा के अंदर एक और परत पाई जाती है जिसे हम " इस्कलेरा " के नाम से जानते हैं।   चलिए अब बात करते हैं आंखों की आंतरिक संरचना की। हमारी आंखों के अंदर कॉर्निया, परितारिका, पुतली, नेत्रोद, अभिनेत्र लेंस, तथा रेटिना पाए जाते हैं। कार्निया एक परदर्शक तथा अत्यंत पतली झिल्ली जैसी संरचना होती है। नेत्र के अग्र भा

क्या आपको पता है बिजली के इतिहास का सबसे रोचक वैज्ञानिक प्रयोग।

क्या आपको पता है इतिहास का सबसे रोचक वैज्ञानिक प्रयोग  आज बिजली का उपयोग हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हो रहा है। बिजली आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। बिजली की इसी उपयोगिता के कारण आज कई देश इस के ज्यादा से ज्यादा उत्पादन का भरसक प्रयास कर रहे हैं। हमने बिजली की उपयोगिता के बारे में जाना। अब हम जानेंगे इसके इतिहास की एक ऐसी घटना जो आप को रोमांचित कर देगी। बात की जाए बिजली की इतिहास की तो बिजली का आविष्कार किसी एक वैज्ञानिक ने व्यक्तिगत रूप से नहीं किया, बल्कि कई वैज्ञानिकों के सार्थक प्रयोगों द्वारा आज हम बिजली का आविष्कार करने में सक्षम हो सकें। यह वैज्ञानिक है निकोला टेस्ला, बोल्टा, गैल्वेनी, मैक्सवेल इत्यादि। गैल्वेनी जो कि इटालियन विद्वान थे, उनके ज्ञान की चर्चा दूर-दूर तक फैली थी। उनके पास बिजली उत्पादक मशीन थी। जिसके द्वारा विद्यार्थियों को दिखाया करते थे कि आखिर बिजली क्या है। इसके लिए वे एक कांच के ऊपर रेशम के कपड़े को रगड़ते थे और रगड़ने के बाद वह इस पर एक लट्टू को रखते थे। जैसे ही वे लट्टू को कांच पर रखते वैसे ही उससे चिंगारियां निकलने लगती।

क्यों आरस्तु को उनके घर से निकाला गया था।

क्यों आरस्तु को उनके घर से निकाला गया था  आज आरस्तु का नाम  कौन नही जानता। आरस्तु एक यूनानी  दार्शनिक थे। आरस्तु विश्वविजेता सिकंदर महान   के गुरु तथा प्लेटो के शिष्य थे। अरस्तु एक महान भौतिक शास्त्री, जीव विज्ञानी, कवि, नााटककार, राजनीति शास्त्री इत्यादि थे। आज हम आपको आरस्तु  के जीवन से जुडी एक महत्वपूर्ण और दुखद घटना के बारे में बातएंगे। आखिर क्यों आरस्तु को उनके गृह नगर से निकाल दिया गया था। क्यों आरस्तु को बेघर कर दिया गया था प्राचीन काल में  धार्मिक तथा वैज्ञानिक प्रवृतियों में बहुत विरोधाभास था। इसी वीरोधाभास के कारण अरस्तु को बेघर होना पड़ा था। "देवता ज्यूस" यूनानियों के सबसे महान देवता थे। यूनानी मानते थे की "देवता ज्यूस" ने ही इस दुनिया का निर्माण किया है। यूनानी  हीलियस  को सूर्य का देवता मानते थे। उनकी मान्यता थी कि हीलियस अपने "प्रकाशवान घोड़ों" के सजे हुए रथ से सुबह पृथ्वी के नीचे से निकलते हैं और शाम होते ही वे अपने घोड़ों को आराम देने के लिए पृथ्वी के नीचे चले जाते हैं। (यूनानी इसी रथ को सूर्य मानते थे ) यूनानी कथाओं के

क्या आपको पता है हेनरी फोर्ड से जुड़ी यह खास बात।

क्या आपको पता ही हेनरी फोर्ड से जुड़ी यह खास बात। दोस्तों आप सब को तो  हेनरी फोर्ड के बारे में पता ही होगा। वो महान उद्योगपतियों में से एक थे। आज मै आपको हेनरी फोर्ड के बारे में एक ऐसी घटना के बारे में बताऊंगा जिसे सुनने के बाद आप उनकी सराहना ही करेंगे। henry ford एक बार शिकागो की एक समाचार पत्र ने यह छापा की हेनरी फोर्ड एक अज्ञानी व्यक्ति हैं। अखबार द्वारा यह छापे जाने पर हेनरी फोर्ड को बहुत ज्यादा आपत्ति हुई और उन्होंने अखबार के खिलाफ मुकदमा दायर कर कर दिया। आखिरकार अखबार के वकीलों ने हेनरी फोर्ड को अज्ञानी साबित करने के लिए कोर्ट में बुलवाया। वकीलों ने उनके सामने कई सवाल रखें ताकि हेनरी फोर्ड को एक अज्ञानी व्यक्ति साबित किया जा सके। इनमें से कुछ प्रश्न इस प्रकार हैं। " वेनेडाइट अर्नाल्ड कौन थे "। " 1776 के विद्रोह से निपटने के लिए ब्रिटेन में कितने सैनिकों को अमेरिका भेजा था " इस सवाल का उत्तर देते हुए हेनरी फोर्ड ने कहा कि " मुझे ब्रिटेन द्वारा भेजे गए सैनिकों की निश्चित संख्या का तो पता नहीं परंतु मैंने सुना है कि जितने सैनिक वहां गए थे उनमें

क्या आप भी जानते हैं कम्पनी के बारे में ये बातें।

क्या आप भी जानते हैं कम्पनी के बारे में ये बातें  आज के इस युग में हम आए दिन किसी न किसी कम्पनी का नाम सुनते रहते हैं जैसे:- apple,samsung,hp,lenevo,tata  आदि । दोस्तो आज के अपने इस आर्टिकल मैं आपको कम्पनी के बारे में कुछ ऐसी बाते बताऊंगा जो शायद ही आपने पहले सुनी या पढ़ी हो। चलिए दोस्तों पहले जान लेते हैं कि कम्पनी क्या है। चलिए कम्पनी को परिभाषित करते हैं " किसी सामान्य उद्देश्य कि प्राप्ति के लिए संगठित हुए व्यक्तियों का समूह ही कम्पनी कहलाती है "। वैसे तो कई विद्वानों ने कम्पनी कि परिभाषाएं दी हैं जैसे, विलियम और स्प्रीगल के अनुसार" निगम राज्य की एक रचना है जिसका अस्तित्व  उन  निगम राज्य की एक रचना है जिसका अस्तित्व  उन व्यक्तयों से पृथक एवं भिन्न होता है जो उसके स्कंध अथवा अन्य प्रतिभूतियों के स्वामी होते हैं " । चलिए अब देखते हैं जेम्स के अनुसार कम्पनी कि परिभाषा," कंपनी एक सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए संगठित व्यक्तियों का एक संघ है " company चलिए अब जानते हैं company के बारे में कुछ गजब की बातें  1: दोस्तों कम्पनी के ब