Skip to main content

जानिए शवों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है।


जानिए शवों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है।

क्या आपके दिमाग में भी कभी ये सवाल आया है कि, अभिनेताओं  या बड़े लोगों की मृत्यु के बाद उनके शवों को चार-पांच दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है। क्यों उनके शव से बदबू नहीं आती। वैसे तो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका शरीर सड़ने लगता है और उससे अजीब तरह की गंध आने लगती है, क्योंकि मनुष्य के शरीर में उपस्थित विभिन्न प्रकार के एंजॉइम जो कि विभिन्न प्रकार के कार्य कर रहे होते हैं वे स्वयं शरीर को खाने लगते हैं।
जानिए शवों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है।
embalming

चलिए दोस्तों अब जानते हैं आखिर मृत शरीर को कई दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है।

मृत शरीर को सुरक्षित रखने के लिए जिस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है उसे embalming प्रक्रिया कहते हैं। Embalming तरल एक विशेष प्रकार का तरल होता है, जिसमें मेथेनॉल,एथेनाल, फॉर्म एल्डिहाइड, फिनाल और पानी मिला होता है।
जानिए शवों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है।
embalming
 Embalming प्रक्रिया शुरू करने से पहले मृतक शरीर को अच्छी तरह से कीटाणुनाशक तरल से नहलाया जाता है। तत्पश्चात embalming प्रक्रिया शुरू की जाती है।

कितने प्रकार से होती है embalming प्रक्रिया।


Embalming की प्रक्रिया मुख्यतः दो प्रकार से होती है। पहला है arterial embalming तथा दूसरा है cavity embalming.

कैसे होती है arterial embalming.


Arterial embalming प्रक्रिया में सबसे पहले मृतक शरीर का सारा रक्त शिराओं के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। तत्पश्चात उन्हीं शिराओं के माध्यम से embalming तरह शरीर के अंदर प्रवेश करा दिया जाता है

कैसे होती है cavity embalming.


cavity embalming प्रक्रिया में सबसे पहले शरीर में एक छोटा सा छेद किया जाता है इसके बाद शरीर से प्राकृतिक फ्लूड निकाल दिया जाता है, और उसी छेद से embalming तरल शरीर के अंदर डाल दिया जाता है। इसके बाद पुनः शव को नहलाया जाता है। और कपड़े पहना कर रख दिया जाता है। जिससे शव ज्यादा दिनों (दो या तीन महीनों) तक सुरक्षित रखा रहता है।
जानिए शवों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित कैसे रखा जाता है।
embalming

 दोस्तों कैसी लगी आपको  हमारी यह पोस्ट एक बार कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं
धन्यवाद!
     
#इतनी मजेदार होती है मोती बनने की प्रक्रिया|

#आखिरकार मिल ही गया मंगल ग्रह पर पानी।


#क्या आप भी जानते हैं शेर के बारे में यह रोचक बातें?


#क्या है q-कार्बन जो हीरे से भी ज्यादा मजबूत है।


#क्या ही हाइपर बेरिक ऑक्सीजन थेरेपी।


#क्या कोलेस्ट्रॉल वास्तव में जानलेवा है।


#जानिए जिराफ के बारे में 10 रोचक तथ्य!


#हीरे से भी ज्यादा कठोर है यह ग्राफीन नाम का पदार्थ


#यह कहानी आपको सफल होने के लिए मजबूर कर देगी।

#आकाश नीला क्यों दिखाई देता है।


#भगवान का दूसरा रूप है "स्टेम सेल थेरेपी" " stem cell therapy"

#क्या आपको पता ही हेनरी फोर्ड से जुड़ी यह खास बात।

Comments

  1. Replies
    1. धन्यवाद! भाईसाहब
      मुझे प्रसन्नता है कि, आपको यह लेख पसंद आया।

      Delete

Post a Comment

Popular posts from this blog

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुप्रसिद्ध अनमोल विचार।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुप्रसिद्ध अनमोल विचार।  अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन  तथा माता का नाम पोलिन कोच था। अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक थे। उन्हें वर्ष 1921 का नोबल पुरस्कार भी दिया गया था। उनका सापेक्षता का सिद्धांत आज पूरी दुनिआ में प्रसिद्ध है। दुनिया उन्हें जीनियस के नाम से भी जानती हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने भौतिकी के नियमों से सारी दुनिया में ख्याति प्राप्त की थी। Albert Einstein anmol vichar अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रसिद्ध अनमोल विचार यदि मानव जाति को जीवित रखना है तो हमें बिल्कुल नई सोच की आवश्यकता होगी। सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करें बल्कि सिद्धांतों वाला व्यक्ति बनने का प्रयत्न करें। हर कोई जीनियस है, लेकिन यदि आप मछली को उसके पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से आंकेंगे तो वह अपना सारा जीवन यह समझकर बिता देगी कि वह मूर्ख है। जिंदगी साइकिल चलाने की तरह है, आपको बैलेंस बनाए रखने के लिए चलते ही रहना होगा। कोई भी समस्या चेतना के उस स्तर पर रहकर नहीं हल की जा सकती है, जिस पर वह

क्या है इन चिकित्सा पद्धितियों का रहस्य।

हमारे देश में आज भी रोग हो जाने पर झाड़-फूंक का सहारा लिया जाता है। और ज्यादातर लोग इससे ठीक भी हो जाते है। यह वाकई रहस्यमई है। पाठकों आज हम इस तरह की एक रहस्यमई चिकित्सा पद्धति का विश्लेषण करेंगे । पहली है हाथों के स्पर्श से बीमारियों को ठीक करना तथा दूसरी बायोफीडबैक सिस्टम। आज इन दोनों पद्धतियों से करोड़ों लोगों के रोग दूर किए जा चुके हैं। यह दोनों पद्धतियां झाड़-फूंक से भी कहीं ज्यादा रहस्यमई हैं। यदि इन्हें चिकित्सा पद्धतियों का भेद जाने दिया गया तब आयुर्विज्ञान अपने सातवें आसमान में होगा और चिकित्सा के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व क्रांति देखने में आएगी। 1971 में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में नर्सिंग की महिला प्रोफेस र  डॉ डोलोरस क्रीगर ने पूर्वी देशों की यात्रा की और विभिन्न प्रकार के धर्मों का अध्ययन किया। और पाया कि हिंदू धर्म में जिसे "प्राण" कहां गया है वह मानव रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कणिकाओं से काफी ज्यादा समानता रखता है। हिंदू धर्म में बताया गया है कि प्राण मानव के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि ऑक्सीजन का एक अणु। उसी समय जुस्ता स्मिथ जो कि अम

आकाश नीला क्यों दिखाई देता है। Aakash nila kyon dikhai deta hi.

हमे आकाश नीला क्यों दिखता है? क्या आपने भी कभी सोचा है कि आखिर ये आकाश हमें  नीला(blue) क्यों दिखता है। यदि हां तो मैं आपको बताऊंगा की आखिर ऐसा क्यों होता है। Sky blue आकाश नीला दिखने का कारण- दोस्तों जैसा की आपको पता ही होगा कि प्रकाश 7 (seven) रंगों से मिलकर बना होता है जो हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। उसी प्रकार सूर्य से निकलने वाला प्रकाश भी 7 रंगों से मिलकर बना होता है। Sky blue अब बात आती है प्रकाश के व्यवहार की तो प्रकाश कई तरह के व्यवहार प्रदर्शित करता है जैसे- परावर्तन(reflection), अपवर्तन(refraction), विवर्तन (diffraction) तथा प्रकीर्णन( dispertion) आदि। चलिए अब जानते हैं कि आखिर प्रकीर्णन है क्या? दोस्तो प्रकीर्णन प्रकाश का एक महत्वूर्ण गुण है, आइए प्रकीर्णन को परिभाषित करते हैं। "प्रकाश का अत्यंत सूक्ष्म कणों से टकराकर बिखर जाना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है"। दोस्तों अब हमने प्रकाश के प्रकीर्णन को समझ ही लिया है तो अब हम बात कर लेते हैं, सूर्य प्रकाश में प्रकीर्णन की। सूर्य के प्रकाश के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है।