चार्ली चैपलिन को भला आज कौन नहीं जानता। हास्य तथा संगीत की दुनिया में विशेष स्थान बनाने वाले तथा लोगों के दिलों में राज करने वाले चार्ली चैप्लिन एक महान व्यक्तित्व थे। चार्ली चैप्लिन का जन्म 16 अप्रैल 1989 को इंग्लैंड के कैनिंग्टन नामक गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम हन्ना चैपलिन तथा पिता का नाम चार्ल्स चैप्लिन था।
उनके पिता पेशे से एक संगीतकार थे तथा वे नाटकों में भी भाग लेते थे। अभिनय ही उनकी आय का प्रमुख स्रोत था। अभिनय की दुनिया में उनका नाम जैसे ही विख्यात होने लगा उनकी मृत्यु हो गयी। उस समय चार्ली वाल्यावस्था में थे। पिता की मृत्यु के बाद परिवार को चलाना काफी मुश्किल हो गया। हालांकि उनकी माता भी एक संगीतकार थीं। परंतु उनकी कमाई इतनी नहीं थी कि वह अपने घर का खर्चा वहन कर सकें। हालात कुछ इस कदर हो गए थे कि शाम का खाना भी दुर्लभ होने लगा। इस तरह चार्ली का बचपन काफी मुश्किलों के साथ बीता। वे गांव की गलियों में यहां-वहां घूमा करते थे जो उन्हें काफी पसंद थीं। उनके दोस्त बताते हैं कि एक बार वह इंग्लैंड की गलियों में घूम रहे थे तब उन्होंने अस्पताल की उस खिड़की को देखा जहां उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। यह देखकर उन्होंने कहा कि यह वही खिड़की है जहां मैंने अपने पिता की मृत्यु देखी है। आज वहां कोई मृत्यु को प्राप्त हो रहा है।
वह पैसे कमाने के लिए थिएटरों के बाहर आने वाले लोगों की कारों का गेट खोला करते थे, और सामान यहां से वहां पहुंचाया करते थे, जिससे उन्हें कुछ आमदनी हो जाती थी। इसके बाद उन्होंने नाई की भी दुकान पर काम किया। उन्होंने कभी यह सब काम करते हुए शर्म नहीं माना। फिर उसके बाद वह अपनी दोस्तों की जूता-चप्पल की दुकान में बैठने लगे। दोस्त बताते हैं कि चार्ली दुकान में आने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार के कृत्य कर काफी हंसाया करते थे। जिससे ग्राहक बहुत खुश रहते थे।
जब वे 13 वर्ष के थे तब उन्होंने एक बुजुर्ग को "हारमोनियम" के साथ गाते हुई देखा। वह उस समय का सबसे प्रचलित गीत था। यह गीत सुनकर वह उस गीत में इस तरह लीन हो गया कि वह पूरा दिन उसी गाने को गुनगुनाता रहता। यही वह मोड़ था जिसने उसे संगीत की ओर धकेला।
एक बार वह थिएटर में कुछ गड़बड़ी हो जाने के कारण वह गुस्साए लोगों को शांत कराने में सफल हुआ और उन्हें हंसाने में भी सफल हुआ। तभी से लोगों ने यह मानना शुरू कर दिया कि उनके भी गुण उनके माता पिता के समान हैं। और वह आगे चलकर एक महान कॉमेडियन और अभिनायक बनेंगे।
एक बार वह थिएटर में कुछ गड़बड़ी हो जाने के कारण वह गुस्साए लोगों को शांत कराने में सफल हुआ और उन्हें हंसाने में भी सफल हुआ। तभी से लोगों ने यह मानना शुरू कर दिया कि उनके भी गुण उनके माता पिता के समान हैं। और वह आगे चलकर एक महान कॉमेडियन और अभिनायक बनेंगे।
इंग्लैंड की एक गली में एक बुड्ढा रहता था। जो अपने अंगों के विचित्रता के कारण अजीब तरह से चला करता था। उनके चलने का तरीका देखकर चार्ली अत्यंत खुश हो जातें और उसी तरह चलने का प्रयास भी करने लगते। ऐसा करने पर कई बार उन्हें अपनी मां से डांट भी सुननी पड़ी। लेकिन वह उस बुजुर्ग की नकल करने का अभ्यास करते रहे अंततः वह ऐसा करने में सफल हुए और वह इसके बाद लोगों को सामने उसी बुड्ढे की तरह चलने का अभिनय करने लगे जिसे देखकर सभी लोग काफी खुश हो जाते थे।
उन्होंने 15 वर्ष की उम्र में एक गायन बैंड बनाया जिसका नाम उन्होंने "हाइमस्मिथ हार्न पाइपर्स " रखा। जिसमें चार्ली चैप्लिन और कुछ लड़के थे। उस बैंड को बनाने के बाद कुछ ही लोग उनका अभिनय देखने और सुनने आते कुछ समय बाद बैंड बंद हो गया। उसके बाद उन्होंने "लंका शायर के 8 लड़के" नामक नृत्य मंडली में काम करना शुरू कर दिया इसमें काम करते हुए उन्हें काफी ख्याति प्राप्त हुई उन्होंने अपने अभिनय से लोगों को खूब हंसाया।
उन्हें एक बार अभिनय के लिए चैनल आइसलैंड जाना था पर दुर्भाग्य से वहां ज्यादातर लोग अंग्रेजी नहीं समझते थे। पहले तो वे काफी निराश हुए इसके बाद उन्होंने सोचा कि इसके लिए कुछ ना कुछ रास्ता तो निकालना ही होगा। उन्होंने निर्णय लिया कि वह मूक अभिनय करेंगे। उनका यह निर्णय उनके लिए काफी अच्छा रहा लोगों ने उन्हें बहुत पसंद किया। और तालियों की गड़गड़ाहट ने उन्हें आंगे भी मूक अभिनय करने के लिए और भी ज्यादा उत्साहित किया। परिणामस्वरुप उन्होंने मूक अभिनय को ही अपना अभिनय बना लिया। जिसमें वे काफी सफल हुई और दुनिया में विख्यात होने लगे। लोगों ने उनके अभिनय को खूब सराहा इसके बाद उन्होंने Mildred नामक युवती से शादी कर ली। उनका वैवाहिक जीवन काफी सुखमय चल रहा था। लेकिन 2 सालों के बाद चलते दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया और दोनों का तलाक हो गया।
चार्ली अपना ध्यान अपनी अभिनय की ऊपर लगाते रहे और कुछ समय बाद उन्होंने अपनी खुद का फिल्म उद्योग स्थापित कर लिया। अपने अभिनय को लेकर चार्ली कहते हैं कि "मैंने यह अनुभव किया कि मैं लोगों में से एक व्यक्ति हूं और मेरा शरीर कर्मों द्वारा उसे प्रसन्न करना चाहता है, जब मैं कोई काम करता हूं तो भूल जाता हूं कि मैं कोई एक्टर हूं। बल्कि मैं अपने मन में यह बिठा लेता हूं कि मैं वह आदमी हूं जिसे कंपनी और चार्ली प्रसन्न करना चाहते हैं। जब मेरी यह धारणा गहरी हो गई उस समय मेरी आत्मा मेरे अच्छे और बुरे कर्मों का जनता की तरह मुझे बताती थी, जो हंसी मजाक मुझे अच्छे लगते थे जनता को भी अच्छे लगते"
"मैंने जब-जब यह सोचकर कार्य किया है तब तब मुझे पूर्ण सफलता मिली है।
"
इस प्रकार चार्ली चैपलिन ने अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने इस दुनिया को एक सफल अभिनेता तथा कमेडियम दिया। आज तमाम दुनिया में लोग इनकी प्रशंसा करते नहीं थकते। चार्ली चैप्लिन एक महान व्यक्ति थें। उनकी महानता के पीछे का सबसे बड़ा कारण था, उनकी मेहनत, लगन तथा धैर्य। जिसके दम पर उन्होंने सफलता प्राप्त की।
मुझे आशा है कि आप भी चार्ली चैप्लिन की तरह कभी ना रुकते हुए अपने जीवन में कठिन संघर्ष करके अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।
आपको आज चार्ली चैप्लिन की जीवनी पढ़कर जरूर प्रेरणा मिली होगी।
धन्यवाद!
Very nice article sir mujhe Chaplin ji ke jivan se kaafi prerana Mili
ReplyDeleteThanks sir.
Aapko bahut bahut dhanyabad aap isi tarah hamse Jude rahiye aur hamara manobal badhate rahiye.
ReplyDeleteDhanyabad.