यदि हमसे कहा जाए कि मानव को इस पृथ्वी में जीवित रहने के लिए क्या सबसे आवश्यक है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले प्राण वायु ऑक्सीजन(O2) का ही नाम आता है। आखिर आए भी क्यों ना सदियों से यह पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीव जंतुओं का पालन पोषण जो कर रही है। बिना ऑक्सीजन के हम कुछ ही क्षणों में मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे। यह मानव को प्रकृति द्वारा मिला सबसे महत्वपूर्ण उपहारों में से एक है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारी पृथ्वी में उपस्थित 100% गैसों में ऑक्सीजन की मात्रा महज 21% ही है, जबकि शेष 78% नाइट्रोजन तथा 1% अन्य गैसें और धूलकण हैं। मनुष्य सांस के रूप में ऑक्सीजन ग्रहण करता है और शरीर में विविध प्रक्रियाओं से बनी विषैली गैसों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड(CO2) आदि गैसों को त्यागता है। एक सामान्य व्यक्ति जब वायुमंडल से ऑक्सीजन को ग्रहण करता है तो रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन से यह ऑक्सीजन 95% तक संतृप्त हो जाता है। जिससे व्यक्ति को सांस लेने में कोई भी परेशानी नहीं होती और यह हीमोग्लोबिन शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन की उपयुक्त मात्रा प्रदान करता है। जिससे शरीर समुचित तरीके से अपना कार्य क
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