Skip to main content

हार्ट अटैक के इन लक्षणों को कभी ना करें अनदेखा।


हार्ट अटैक एक गंभीर बीमारी है। आज आए दिन हम हार्ट अटैक से मरने वालों के बारे में सुनते रहते हैं। हार्ट अटैक का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में खौफ बैठ जाता है। अक्सर हम यह मान लेते हैं कि हार्ट अटैक अचानक ही हो सकता है और हम इसके लिए कुछ सतर्कता भी नहीं दिखाते। इसी का परिणाम हार्ट अटैक के रूप में भुगतना पड़ता है। ऐसे कई लक्षण हैं जिन्हें पहचान कर हम योग्य चिकित्सक की मदद से हार्ट अटैक से बच सकते हैं। यहाँ मैं  संक्षेप में बताना चाहूंगा की  हार्ट अटैक का मुख्य कारण है खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाना। चलिए जानते हैं हार्ट अटैक होने के मुख्य लक्षण कौन-कौन से हैं। 




सांस लेने में तकलीफ। 

सांस लेने में तकलीफ होना हार्ट अटैक का एक आम लक्षण माना जाता है। अक्सर कुछ काम करने के दौरान दौड़ते हुए तथा अन्य प्रकार के शारीरिक श्रम करने के बाद सांस फूलना, हांफने लगना आदि हार्ट अटैक होने के मुख्य लक्षण होते हैं। इस तरह के लक्षण पता लगने पर हमें शीघ्र ही डॉक्टर की परामर्श लेना चाहिए।

थकावट।

थोड़ा सा भी काम करने के दौरान थकावट होना तथा पूरी नींद लेने के बाद भी थका-थका सा महसूस करना हार्ट अटैक के लक्षण की ओर निर्देशित करता हैं। यह थकावट रक्त वाहिनियों के अवरुद्ध होने के कारण भी हो सकती है, जो हार्टअटैक का मुख्य कारण है।

सूजन।

जब हमारे शरीर की रक्त बहिनियां अवरुद्ध हो जाती हैं तो दिल को रक्त प्रवाह करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिससे शिराओं में सूजन आ जाती है फलस्वरूप शरीर के कुछ हिस्से में सूजन तथा कालापन आने लगता है।

पेट में भारीपन।

पेट में भारीपन तथा जलन होना हार्टअटैक के मुख्य लक्षण है। ऐसी परेशानी होने पर शीघ्र ही चिकित्सक से परामर्श लें। 




ज्यादा समय तक सर्दी का बना रहना।

यदि सर्दी कि समस्या सामान्य से ज्यादा समय तक रहती है तो यह हार्ड अटैक की समस्या की ओर इशारा करता है। यदि बलगम का रंग हल्का गुलाबी है तो यह ज्यादा गंभीर हो सकता है। यह लक्षण दिखने पर आपको शीघ्र ही चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

ज्यादा पसीना आना। 

वैसे तो गर्मी के दिनों में पसीना आना आम बात है। लेकिन यदि पसीना ठंड के मौसम में भी ज्यादा आने लगे तब यह ज्यादा गंभीर हो सकता है, जो हार्टअटैक की और निर्देशित करता है।

चक्कर आना।  

कभी-कभी हम चक्कर आने को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते। जब हमारे दिल सही तरीके से काम नहीं कर रहा होता है तब हमारे मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जिससे चक्कर आने लगते हैं। यह सबसे गंभीर लक्षण होता है। इसमें आपको शीघ्र चिकित्सक के परामर्श लेनी चाहिए।

बोलने में परेशानी।

जी हां, यह भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है। कई लोगों को लगता है कि यह धूम्रपान का सेवन करने से होता है लेकिन यह हार्ट अटैक के खतरे को भी बताता है।

इस तरह से यदि हमें इन लक्षणों का पता चले तो हमें शीघ्र ही उपयुक्त कदम उठाने चाहिए और चिकित्सक की परामर्श लेने में तनिक भी देर नहीं करनी चाहिए। चिकित्सक के दिए गए निर्देशों का भली-भांति पालन करना चाहिए जिससे आप हार्ड अटैक की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।
दोस्तों कैसे लगा आपको हमारा यह लेख एक बार कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। यदि आप भी रखते हैं अपने करीबियों का ख्याल तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और लोगों में हार्ट अटैक के बारे में जागरूकता लाएं।
धन्यवाद!

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुप्रसिद्ध अनमोल विचार।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुप्रसिद्ध अनमोल विचार।  अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन  तथा माता का नाम पोलिन कोच था। अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक थे। उन्हें वर्ष 1921 का नोबल पुरस्कार भी दिया गया था। उनका सापेक्षता का सिद्धांत आज पूरी दुनिआ में प्रसिद्ध है। दुनिया उन्हें जीनियस के नाम से भी जानती हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने भौतिकी के नियमों से सारी दुनिया में ख्याति प्राप्त की थी। Albert Einstein anmol vichar अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रसिद्ध अनमोल विचार यदि मानव जाति को जीवित रखना है तो हमें बिल्कुल नई सोच की आवश्यकता होगी। सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करें बल्कि सिद्धांतों वाला व्यक्ति बनने का प्रयत्न करें। हर कोई जीनियस है, लेकिन यदि आप मछली को उसके पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से आंकेंगे तो वह अपना सारा जीवन यह समझकर बिता देगी कि वह मूर्ख है। जिंदगी साइकिल चलाने की तरह है, आपको बैलेंस बनाए रखने के लिए चलते ही रहना होगा। कोई भी समस्या चेतना के उस स्तर पर रहकर नहीं हल की जा सकती है, जिस पर वह

क्या है इन चिकित्सा पद्धितियों का रहस्य।

हमारे देश में आज भी रोग हो जाने पर झाड़-फूंक का सहारा लिया जाता है। और ज्यादातर लोग इससे ठीक भी हो जाते है। यह वाकई रहस्यमई है। पाठकों आज हम इस तरह की एक रहस्यमई चिकित्सा पद्धति का विश्लेषण करेंगे । पहली है हाथों के स्पर्श से बीमारियों को ठीक करना तथा दूसरी बायोफीडबैक सिस्टम। आज इन दोनों पद्धतियों से करोड़ों लोगों के रोग दूर किए जा चुके हैं। यह दोनों पद्धतियां झाड़-फूंक से भी कहीं ज्यादा रहस्यमई हैं। यदि इन्हें चिकित्सा पद्धतियों का भेद जाने दिया गया तब आयुर्विज्ञान अपने सातवें आसमान में होगा और चिकित्सा के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व क्रांति देखने में आएगी। 1971 में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में नर्सिंग की महिला प्रोफेस र  डॉ डोलोरस क्रीगर ने पूर्वी देशों की यात्रा की और विभिन्न प्रकार के धर्मों का अध्ययन किया। और पाया कि हिंदू धर्म में जिसे "प्राण" कहां गया है वह मानव रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कणिकाओं से काफी ज्यादा समानता रखता है। हिंदू धर्म में बताया गया है कि प्राण मानव के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि ऑक्सीजन का एक अणु। उसी समय जुस्ता स्मिथ जो कि अम

आकाश नीला क्यों दिखाई देता है। Aakash nila kyon dikhai deta hi.

हमे आकाश नीला क्यों दिखता है? क्या आपने भी कभी सोचा है कि आखिर ये आकाश हमें  नीला(blue) क्यों दिखता है। यदि हां तो मैं आपको बताऊंगा की आखिर ऐसा क्यों होता है। Sky blue आकाश नीला दिखने का कारण- दोस्तों जैसा की आपको पता ही होगा कि प्रकाश 7 (seven) रंगों से मिलकर बना होता है जो हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। उसी प्रकार सूर्य से निकलने वाला प्रकाश भी 7 रंगों से मिलकर बना होता है। Sky blue अब बात आती है प्रकाश के व्यवहार की तो प्रकाश कई तरह के व्यवहार प्रदर्शित करता है जैसे- परावर्तन(reflection), अपवर्तन(refraction), विवर्तन (diffraction) तथा प्रकीर्णन( dispertion) आदि। चलिए अब जानते हैं कि आखिर प्रकीर्णन है क्या? दोस्तो प्रकीर्णन प्रकाश का एक महत्वूर्ण गुण है, आइए प्रकीर्णन को परिभाषित करते हैं। "प्रकाश का अत्यंत सूक्ष्म कणों से टकराकर बिखर जाना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है"। दोस्तों अब हमने प्रकाश के प्रकीर्णन को समझ ही लिया है तो अब हम बात कर लेते हैं, सूर्य प्रकाश में प्रकीर्णन की। सूर्य के प्रकाश के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है।