"स्वामी विवेकनंद जी" का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वनाथ तथा माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी जी एक महान आध्यात्मिक गुरु तथा विचारक थे।ये युवाओं के प्रेरणा स्रोत थें। इन्ही के जन्मदिवस के सुअवसर पर "राष्ट्रीय युवा दिवस" मनाया जाता है। स्वामी जी द्वारा अमेरिका के शिकागो में दिया गया भाषण काफी प्रसिद्ध है। आप सनातन धर्म के कुशल प्रणेता थे।
उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं, वह हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं, और फिर रोते हैं कि कितना अंधेरा है।
हम वह हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोच रहे हैं।
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर उसका विरोध किया जाता है, और फिर उसे स्वीकार भी कर लिया जाता है।
दिल और दिमाग के टकराव में हमेशा दिल की सुनो।
शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जो भी तुम्हें दुर्बल बनाता है आप उसे जहर की भांति त्याग दो।
जब लोग तुम्हें गाली दे तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो और सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वह तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
लगातार पवित्र विचार करते रहो बुरी चीजों को दबाने का यही सबसे अच्छा एकमात्र समाधान है।
मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।
उठो, निडर बनो मजबूत बनो पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लो आपको पता होगा कि आप ही अपने भाग्य के निर्माता हो।
एक विचार लो और उसे अपनी जिंदगी बना लो, उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उसी विचार को जिओ अपने मस्तिष्क, मांस पेशियाओं, नसों, शरीर के विभिन्न हिस्सों को उस विचार में डुबो दो और बाकी सभी विचारों को अलग रख दो, यही सफल होने का सबसे अच्छा तरीका है।
उठो जागो और तब तक ना रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
जिस दिन आप के मार्ग पर कोई समस्या ना आए आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप सही मार्ग पर नही चल रहे हैं।
मस्तिष्क की इंद्रियां सूर्य की किरणों के समान हैं जब वह केंद्रित होती हैं चमक उठती हैं।
श्री रामकृष्ण कहा करते थे "जब तक मैं जीवित हूं तब तक सीखता रहूंगा" वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को लिए कुछ नहीं है वह पहले से ही मौत के जबड़े में हैं।
दोस्तों का आपको स्वामी विवेकानंद जी का कौन सा अनमोल विचार है सबसे प्रेरक तथा अच्छा लगा एक बार कमेंट में जरूर बताएं।
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