गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के लुम्बनी वन में 563 ईसा पूर्व हुआ था। उनके पिता का नाम शुद्दोधन तथा माता का नाम मायादेवी था। बुद्ध बचपन से ही बहोत दयालु प्रकृति के थे। उनका हमेशा से विश्वाश था की मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है। उन्होंने अपनी शादी के बाद अपनी पत्नी यशोधरा तथा पुत्र राहुल को छोड़कर दुनिआ के लिए मुक्ति का मार्ग ढूढने सत्य तथा ज्ञान की खोज में निकल गएँ। और जंगल में रहकर घोर तपस्या करने लगे। जिसके बाद बोधगया नामक स्थान पर पीपल के वृक्ष के निचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। और तब से वे "बुद्ध" कहलाये।
ये हैं बुद्ध के प्रसिद्ध सुविचार।
यदि आप वाकई में अपने आप से प्रेम करते हैं तो आप कभी भी दूसरों को दुख नहीं पहुंचा सकते।
एक जग बूंद-बूंद करके भरता है।
अपना रास्ता स्वयं बनाएं हम अकेले पैदा हुए हैं, इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।
अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है वह ज्ञान में नहीं आकार में बढ़ता है।
घृणा, घृणा से नहीं प्रेम से खत्म होती है यह शाश्वत सत्य है।
असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है हमारा असत्यवादी होना।
एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक रोशन किए जा सकते हैं फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती, उसी तरह खुशियां बांटने से बढ़ती है, कम नहीं होती।
अगर थोड़े से आराम को छोड़कर व्यक्ति एक बड़ी खुशी देख पाता है तो एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह थोड़े से आराम को छोड़ कर बड़ी खुशी को हासिल करें।
यदि समस्या का समाधान किया जा सकता है तो चिंता क्यों करें, यदि समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता तो चिंता करने से आपको कोई फायदा नहीं पहुंचेगा।
आप केवल वही खाते हैं जिससे आप चिपक जाते हैं।
अतीत में ध्यान केंद्रित नहीं करना, ना ही भविष्य के लिए सपने देखना बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में केंद्रित करना।
आप का मन ही सब कुछ है आप जैसा सोचेंगे वैसा बन जाएंगे।
अपना रास्ता स्वयं बनाए हम अकेले पैदा हुए हैं इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।
दर्द निश्चित है दुख वैकल्पिक है।
पहुंचने से अधिक जरूरी ठीक से यात्रा करना है।
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नियत से पकड़े रहने के समान है, इसमें आप ही जलते हैं।
मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है मैं हमेशा देखता हूं कि क्या किया जाना बाकी है।
सब कुछ समझने का अर्थ है सब कुछ माफ कर देना।
तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकती सूर्य, चंद्रमा और सत्य।
आप अपनी गुस्से के लिए दंडित नहीं हुए आप अपने गुस्से के द्वारा दंडित हुए हैं।
जब आप सारी सहायता अस्वीकार कर देते हैं, आप मुक्त हो जाते हैं।
पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती है कोई भी दूसरों को पवित्र नहीं कर सकता।
स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफादारी सबसे बड़ा संबंध है।
आप चाहे कितनी भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल ले लेकिन जब तक उन पर अमल नहीं करेंगे उसका कोई फायदा नहीं है।
इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें।
उसने मेरा अपमान किया, मुझे कष्ट दिया, मुझे लूट लिया जो व्यक्ति जीवन भर इन बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं, वे कभी भी चैन से नहीं रह पाते, सुकून से वह व्यक्ति रहते हैं जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं।
हर दिन की अहमियत समझे, इंसान हर दिन एक नया जन्म लेता है, हर दिन एक नए मकसद को पूरा करने के लिए है इसलिए हर दिन की अहमियत समझें।
जीवन में एकमात्र वास्तविक असफलता, आप जो सर्वश्रेष्ठ जानते हैं उसके प्रति सच्चा ना होना।
जीवन में अपना उद्देश्य पता करना है और उसमें जी-जान से जुट जाना है।
जो 50 लोगों से प्रेम करता है उसके 50 संकट है, और वह जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके पास एक भी संकट नहीं है।
जिस तरह से तूफान एक मजबूत पत्थर को हिला नहीं पाता उसी तरह से महान व्यक्ति तारीफ या आलोचना से प्रभावित नहीं होते।
दोस्तों कैसे लगें आपको भगवान गौतम बुद्ध के यह प्रसिद्ध अनमोल विचार। हमें एक बार कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें।
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