बायोमैट्रिक्स तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से किसी भी व्यक्ति की पहचान की जा सकती है। जैसे फिंगरप्रिंट का उपयोग करके, आंखों की रेटिना को स्कैन करके या आंखों की "आयरिश" को स्कैन करके। बात करते हैं आज से कुछ साल पहले की जब किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके हस्ताक्षर से की जाती थी। लेकिन समय के साथ हस्ताक्षर कम प्रभावी होने लगा क्योंकि एक ही व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की तरह हस्ताक्षर कर खुद को सही प्रमाणित करने लगता। जिससे समय के साथ विकास हुआ "बायोमेट्रिक तकनीक" का। आज हम यह तकनीक हमारे जीवन के प्रत्येक हिस्सों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आपने तो आधार कार्ड जरूर ही बनवाया होगा। आधार कार्ड बनवाते समय बायोमेट्रिक तकनीक का ही उपयोग होता है, जिसमें आपकी उंगलियों का फिंगरप्रिंट स्कैन किया जाता है जो भविष्य में आपकी पहचान के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। बायोमेट्रिक तकनीकी कैसे काम करती है जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारे शरीर के कुछ ऐसे अंग या हमारे कुछ ऐसे व्यवहार हैं, जो हमें अन्य सभी लोगों से पूर्णतः अलग करते हैं। जैसे:- हमारे हाथों की उंगलियों के फिंग
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