यह पत्र अब्राहम लिंकन ने अपने पुत्र के शिक्षक के लिए लिखा था। जिसे पढ़ने के बाद आप प्रेरणा से भर जाएंगे। माननीय महोदय! मेरे विचार से हर एक व्यक्ति सच्चा नहीं होता और ना ही सभी गलत होते हैं, किंतु आपको उसे सिखाना होगा कि कौन सच्चा है और कौन गलत है। इस दुनिया में दोस्तों के साथ-साथ आदर्श प्रेरणादायक लोग भी हैं अपने स्वार्थ के लिए जीने वाले नेताओं के साथ सच्चे लोक सेवक नेता भी होते हैं। दुश्मनों के साथ साथ सच्चे मित्र भी होते हैं। हर विरुपता के साथ-साथ सुंदरता भी विद्यमान होती है। आपको चाहे समय कुछ भी लग जाए परंतु आप उसे यह बात जरूर सिखाएगा कि स्वयं का एक कमाना पाए हुए पांच से कहीं ज्यादा मूल्यवान है। आप उसे यह भी सिखाईएगा की हार को कैसे झेलें और जीत की खुशियां कैसे मनाएं। आप उसके मन से ईर्ष्या और द्वेष को हटाने का प्रयास जरूर करना और यदि हो सके तो जीवन में छिपी मौन मुस्कान का पाठ पढ़ाना। आप उसे यह बताने की भी जरूर कृपा कीजिएगा कि दूसरों को आतंकित करने वाला खुद कमजोर होता है उसके मन के अंदर स्वयं चोर होता है, इसलिए वह भयभीत व चिंतित होता है। यदि हो सके तो उसे जीवन में
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